5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR NEERAJ CHOPRA BIOGRAPHY IN HINDI

5 Essential Elements For Neeraj Chopra Biography in Hindi

5 Essential Elements For Neeraj Chopra Biography in Hindi

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नीरज का जन्‍म हरियाणा के पानीपत के पास खंडरा में एक किसान परिवार में हुआ था।

फिर उन्होंने भी भाला फेंकने की सोची और javelin toss शुरू कर दिया।

नीरज चोपड़ा का परिवार वर्तमान समय में हरियाणा के पानीपत जिले के पास एक छोटे से गांव खद्रा में रहता है। उनके पिता सतीश चोपड़ा गांव के एक छोटे किसान हैं उनकी माता सरोज चोपड़ा एक गृहणी है। नीरज पिक बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका पूरा बचपन हरियाणा के गांव में बीता है।

नीरज चोपड़ा को भाला फेंक के क्षेत्र में कोच ’उवे होन’ ने प्रशिक्षित किया. उन्होंने इस प्रशिक्षण के बाद स्वयं को जैवलिन थ्रो में सक्षम बनाया.

यदि आप नीरज चोपड़ा की यात्रा और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो उनके सोशल मीडिया पेज को जरूर देखें। नीरज अपने खेल जीवन, प्रशिक्षण सत्रों, और व्यक्तिगत जीवन की झलकियाँ अपने फैंस के साथ साझा करते रहते हैं।

चेक रिपब्लिक के दो खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया, उनके स्वर्ण पदक का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि इससे पहले ओलंपिक में भारत ने एथलेटिक्स में कभी गोल्ड मेडल नहीं जीता था ।  ओलंपिक में उनकी इस सुनहरी जीत से पूरा देश झूम उठा ।

नीरज चोपड़ा की वर्तमान में विश्‍व रैंकिंग जैवलिन थ्रो की कैटेगरी में चौथे स्‍थान पर हैं। इसके अलावा वे कई मैडल एवं पुरस्‍कार भी जीत चुके हैं। भाविना पटेल पोलियो हाने के बाद भी पैरा ओलंपिक खेल में टेबल टेनिस में रजत पदक हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं।

स्वर्ण पदक जीतने के बाद सरकार ने कि पुरस्कार की बारिश

नीरज चोपड़ा read more का जन्म और पारिवारिक संबंध

नीरज की विश्व रैंकिंग और उपहारों की बौछार

नीरज चोपड़ा की वर्तमान में विश्व रैंकिंग जैवलिन थ्रो की कैटेगरी में चौथे स्थान पर है। इसके अलावा वे कई मैडल एवं पुरस्कार भी जीत चुके हैं।

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2012an Indiako gazte mailako txapelduna izan zen eta 2014an eta 2015ean gazte mailako Indiako errekorrak hautsi zituen.

 नीरज चोपड़ा एशियाई गेम्स में गोल्ड हासिल करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है ,उनसे पहले ये कारनामा किसी ने नही किया। इसके अलावा किसी कैलेंडर वर्ष में एशियाई और कामनवेल्थ में गोल्ड हासिल करने वाले वो एशिया के दूसरे खिलाड़ी है। इससे पहले धावक मिल्खा सिंह ने इस कीर्तिमान को स्थापित किया था।

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